LIVE : Shri Ram Katha | Kailashanand Giri Ji Maharaj

LIVE : श्रीराम कथा | Kailashanand Giri Ji Maharaj ~ 26 Oct | शिव धाम मंदिर | Saharanpur, U.P. | Day1

26 अक्टूबर को प्रवेश किया गया है महत्वपूर्ण आध्यात्मिक कार्यक्रम की ओर – जो कि श्रीराम कथा के प्रथम दिन का आरंभ था। Kailashanand Giri Ji Maharaj की प्रेरक वाणी ने शिव धाम मंदिर, सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) में उपस्थित श्रद्धालुओं को गहराई से जुड़ने का अवसर दिया। इस कथा-सत्र में ‘राम’ नाम की मधुर गूँज के बीच दर्शन, भक्ति एवं जीवन-सत्य को एक साथ समाहित करने का प्रयास किया गया।

कथा का प्रारंभ

श्री राम के आदर्श, उनकी लीलाएँ और जीवन-पथ को कहानी के रूप में प्रस्तुत किया गया। कथा के आरंभ में प्रभु राम-रक्षा, अनुशासन, धर्म एवं कर्तव्य की महत्ता को विशेष रूप से रेखांकित किया गया। “राम” मात्र नाम नहीं, बल्कि समस्त मानवता के लिए प्रेरणा स्रोत है — यही संदेश पहले दिन में सतर्क रूप से साझा हुआ।

Day 1

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Day 4

Day 5

Day 6


प्रमुख अंश एवं भाव–विभोर क्षण

  • कथा के प्रारंभ में उपस्थित भक्ति-संगीत ने माहौल को दिव्य व भक्तिपूर्ण बनाया।
  • भगवान श्री राम के वनवास, लंका दर्शन, सीता-हरण जैसे प्रसंगों को जी-जान से वर्णित किया गया।
  • महाराज जी ने बताया कि कैसे राम का जीवन हमें “सत्य”, “धर्म” और “परित्राण” की दिशा दिखाता है।
  • सुनने वालों के बीच भाव-उच्चार, हाथ जोड़ने की मुद्रा और मौन ध्यान – इन सभी रूपों में भक्ति प्रकट हुई।

जीवन में रामकथा का संदेश

पहले दिन की कथा ने हम सभी को यह याद दिलाया कि:

  • संकट के समय धैर्य रखना और निर्भय होना है — जैसे राम ने किया।
  • कर्तव्य और धर्म का पालन करना चाहिए, चाहे परिस्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो।
  • प्रेम, समर्पण, और सेवा — ये तीन स्तंभ हैं जिन पर जीवन का आदर्श खड़ा होता है।
  • राम नाम में शक्ति है — नाम से मानसिक शांति, आत्मिक उत्साह और स्पष्ट लक्ष्य मिलते हैं।

इस कथा का महत्व

शिव धाम मंदिर में यह कार्यक्रम सिर्फ एक कथा-सत्र नहीं है, बल्कि यह आत्म-उत्थान, समाज-उपकार और भक्ति-मार्ग-प्रवेश का माध्यम है। कथा के माध्यम से जीवन की चुनौतियों को रामलीलाओं के प्रकाश में देखने का अवसर मिलता है, जिससे साधारण जीवन में महानता प्रवेश करती है।

आने वाले दिनों का संकेत

आज के इस प्रथम दिन ने एक मजबूत नींव रखी है। आने वाले दिनों में और भी गहरा विश्लेषण, और कथानक के विविध प्रसंग होंगे — जैसे राम-रावण युद्ध, राम­राज्य स्थापना, और आज के समय में राम के आदर्श का प्रासंगिक अर्थ। भक्तगण अब और भी अधिक सजीव सहभागिता, प्रश्न-उत्तर सत्र एवं ध्यान की अवस्था में प्रवेश करेंगे।